यह योजना अनुसूचित जातियों के प्रति सामान्य अस्पृष्यता/छुआछूत की भावना समाप्त करने के उद्देष्य से नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955 तथा अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 का क्रियान्वयन किया जा रहा हैं । यह अनुसूचित जातियों और जनजातियों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ़ अपराधों को दंडित करता है। यह पीड़ितों को विशेष सुरक्षा और अधिकार देता है।
हत्या या मृत्यु- पीड़ित जन।
बलात्संग/ सामूहिक बलात्संग।
मतदान के अधिकार के संबंध में।
किसी महिला की लज्जा भंग करना।
महिला का लैंगिक शोषण।
मिथ्या दोषपूर्ण या तंग करने वाली विधिक कार्यवाही।
मिथ्या या तुच्छ जानकारी पच्सीस हजार रुपये या वास्तविक व्यय।
अपमान अभित्रास।
पानी गन्दा करना।
मार्ग के रूढ़िजन्य अधिकार से वंचित करना।
किसी को निवास स्थान छोड़ने पर मजबूर करना।
मिथ्या साक्ष्य देना।
भारतीय दंड संहिता के अधीन 10 वर्ष या उससे अधिक की अवधि के कारावास से दंडनीय अपराध करना।
किसी लोक सेवक के हाथों उत्पीड़न।
नियोगिता कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की समय-समय पर यथा संशोधित अधिसूचना में शारीरिक और मानसिक नियोग्यताओं का उल्लेख किया गया है 100 प्रतिशत असमर्थता।
जहां असमर्थता 100 प्रतिशत से कम हो पूर्णतया नष्ट करना/ जला हुआ मकान।
क्षति पहुंचाना, अपमानित करना या क्षुब्ध करना।
अनादर सूचक कार्य।
भूमि, परिसर या जल से संबंधित अपराध।
ऑनलाइन
आवेदन पत्र फाइनल सबमिट करने के उपरांत नगरीय क्षेत्र का आवेदन पत्र संबंधित उप-जिलाधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र का आवेदन पत्र खंड विकास अधिकारी के पोर्टल पर स्वतः प्रदर्शित होता है।
लाभ प्राप्त करने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी सम्पर्क करना होगा।